MS Dhoni Biography : MS Dhoni Jivan Parichay, Age, Net Worth, Wife, Birthday, Bike Collection, The Untold Story, Movie.
MS Dhoni Biography: भारतीय क्रिकेट में कैप्टन कूल के नाम से मशहूर M S Dhoni का जन्म झारखंड के रांची में हुआ था। क्रिकेट के इतिहास में महान कप्तान, विकेट-कीपर बल्लेबाज और फिनिशर के रूप में उन्हें जाना जाता है।
महेंद्र सिंह धोनी (एम एस धोनी) झारखंड के रांची में जन्मे पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं। वह 2007 से 2017 तक वनडे में और 2008 से 2014 तक टेस्ट क्रिकेट में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान थे। उन्हें व्यापक रूप से क्रिकेट इतिहास का सबसे महान कप्तान, विकेट कीपर-बल्लेबाज और फिनिशर के रूप में जाना जाता है।
इस ब्लॉग MS Dhoni Biography में हम, महेंद्र सिंह धोनी के बारे में विस्तार से जानेंगेI उनके निजी जिंदगी के सुने अनसुने किस्सों के बारे में भी जानेंगे, और उनके शौक, पत्नी(Wife), धोनी के पिता का नाम (MS Dhoni Father Name), क्रिकेट करियर आदि के बारे में जानेंगे।
MS Dhoni Biography:
शुरुआती जीवन/प्रारंभिक जीवन (Early Life)
महेंद्र सिंह धोनी(M S Dhoni) का जन्म 7 जुलाई 1981 को हिंदू राजपूत परिवार में रांची, बिहार (वर्तमान में झारखंड) में हुआ था। धोनी के पिता का नाम (MS Dhoni Father Name) पान सिंह है। धोनी के पिता (MS Dhoni Father) पान सिंह मूलत: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रहने वाले हैं। पान सिंह MECON कंपनी में जूनियर मैनेजमेंट के पद पर काम करते थे। धोनी के माता का नाम (MS Dhoni Mother Name) देवकी देवी है। ये गृहिणी और धर्मपरायण नारी हैं। धोनी के माता (MS Dhoni Mother) का शुरू में क्रिकेट की जरा भी समझ नहीं थी। हालांकि, बेटे को खेलते हुए देख धीरे-धीरे उन्हें भी इसमें मजा आने लगा।
धोनी को बचपन से ही खेलों में बहुत रुचि थी। ये पहले बैडमिंटन और फुटबॉल खेला करते थे। इस खेल में भी वो अच्छा खेलते थे, लेकिन अंत में पहचान क्रिकेट से मिलीI उनकी विकेटकीपिंग कौशल ने स्थानीय कोचों का ध्यान खींचा, और शीघ्र ही वह अपने स्कूल और जिले की टीमों का प्रतिनिधित्व करने लगे।
धोनी डीएवी जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली, रांची में पढ़ते थे। यहीं पर उन्होंने बैडमिंटन और फुटबॉल जैसे खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, तथा जिला और क्लब स्तर की प्रतियोगिताओं में चुने गए। स्कूल के फुटबॉल टीम में वो गोलकीपर थे। एक बार धोनी के फुटबॉल कोच केशव बनर्जी (Keshav Banerjee) ने उन्हें विकेटकीपिंग के लिए भेजा, तो उन्होंने अपने विकेटकीपिंग कौशल से सभी को प्रभावित किया।
इस तरह उनका क्रिकेट का सफर शुरू हुआ। इसके बाद धोनी ने 1995-98 की अवधि के दौरान तीन साल के लिए कमांडो क्रिकेट क्लब टीम में विकेटकीपर के रूप में स्थायी स्थान हासिल किया। धोनी के अच्छे प्रदर्शन के कारण उन्हें 1997-98 के दौरान वीनू मांकड़ ट्रॉफी अंडर 16 चैम्पियनशिप के लिए चुना गया।
एमएस धोनी की शिक्षा (MS Dhoni Education):
धोनी की प्रारंभिक शिक्षा डीएवी जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली, रांची से हुई है। वे पढ़ाई के मामले में बहुत अच्छे नहीं थे और उन्होंने 10वीं में 66 फीसदी और 12वीं में 56 फीसदी अंक हासिल किए थे। जब वह 11-12वीं कक्षा में थे, तब क्लास बंक करके अक्सर मैच खेलने के लिए रांची से बाहर जाते थे।
एमएस धोनी का शुरुआती करियर (MS Dhoni Early Career):
1997-98 सत्र के लिए वीनू मांकड़ ट्रॉफी अंडर -16 के लिए चुना गया, जहां उन्होंने बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया। हाई स्कूल की पढाई पूरा करने के बाद धोनी का पूरा ध्यान क्रिकेट पर हो गया। वह स्कूल की क्रिकेट टीम और क्लब क्रिकेट में खेले। जब धोनी शीश महल टूर्नामेंट के क्रिकेट मैचों में छक्का मारते, तो उन्हें देवल सहाय 50 रुपये का उपहार दिया करते थे। उन्होंने ही धोनी को सेंट्रल कोल फील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के लिए चुना था।
1998 में एमएस धोनी को सीसीएल टीम में चुना गया था। इसी के साथ धोनी ने पहली बार प्रोफेशनल क्रिकेट में कदम रखा। उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण सीसीएल ए डिवीजन में आ गया। देवल सहाय ने उनके समर्पण और क्रिकेट की क्षमता से प्रभावित होकर बिहार टीम में उनका चयन करने का दबाव डाला। जिसके एक साल के अंदर ही धोनी को 18 साल की उम्र में 1999-2000 सीजन के लिए सीनियर बिहार रणजी टीम में चुना गया।
एमएस धोनी का घरेलू क्रिकेट करियर (MS Dhoni Domestic Career):
1998-99 में कूच बिहार ट्रॉफी में धोनी बिहार अंडर-19 टीम का हिस्सा थे। उन्होंने 5 मैचों की 7 पारियों में 176 रन बनाए। इसके बाद, शेष भारत टीम (एमए चिदंबरम ट्रॉफी और वीनू मांकड़ ट्रॉफी) या ईस्ट जोन अंडर-19 टीम (सीके नायडू ट्रॉफी) में नहीं चुना गया। धोनी ने 1999-2000 रणजी ट्रॉफी सीजन में बिहार के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया और अपने पहले मैच में, उन्होंने असम के खिलाफ दूसरी पारी में नाबाद 68 रन बनाए। धोनी ने पांच मैचों में 283 रन बनाये।
2000–2001 में बंगाल के खिलाफ धोनी ने अपना पहला प्रथम श्रेणी शतक लगाया। उसके बाद 2001 से 2003 तक धोनी ने पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले में दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रैवलिंग टिकट परीक्षक (TTE) की नौकरी की। इस दौरान 2002–2003 सीजन में झारखंड टीम के लिए खेलते हुए ने रणजी ट्रॉफी और देवधर ट्रॉफी में उत्कृष्ट बल्लेबाजी कर अलग पहचान बनाई। धोनी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर दीप दासगुप्ता की जगह ईस्ट जोन का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया, उसी के बाद से धोनी का नाम चर्चा में आया।
प्रकाश पोद्दार ने धोनी को 2003 में जमशेदपुर में झारखंड के लिए मैच खेलते देखा और प्रभावित होकर, राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी को एक रिपोर्ट भेजी। इसी के बाद धोनी को जिम्बाब्वे और केन्या दौरे के लिए भारत ए टीम में चुना गया। हरारे स्पोर्ट्स क्लब में जिम्बाब्वे के खिलाफ सात कैच और चार स्टंपिंग करके अपना सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपिंग प्रयास पूरा किया।
2004 में धोनी ने केन्या, भारत ए और पाकिस्तान ए के त्रिकोणीय टूर्नामेंट में भारत ए को पाकिस्तान ए के खिलाफ 223 रनों के लक्ष्य का पीछा करने में मदद की। उन्होंने अपने अच्छे प्रदर्शन को जारी रखते हुए बैक टू बैक शतक बनाए, 120 और 119*। धोनी ने 6 पारियों में 72.40 की औसत से 362 रन बनाए। इस प्रदर्शन के कारण तत्कालीन भारतीय कप्तान सौरव गांगुली और रवि शास्त्री जैसे दिग्गजों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफलता पायी।
एमएस धोनी का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर (MS Dhoni International Cricket Career):
वनडे करियर(One Day Career) –
साल 2004 में एम एस धोनी को भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने का मौका मिला। धोनी को 2004-05 में बांग्लादेश दौरे के लिए भारतीय वनडे टीम में एक विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में चुना गया। 23 दिसंबर 2004 को चट्टगांव में धोनी ने बांग्लादेश के खिलाफ अपना वनडे इंटरनेशनल डेब्यू किया। हालांकि, करियर की शुरुआत अच्छी नहीं रही, और वे डेब्यू में शून्य पर आउट हो गये। सीरीज के बाकि दो मैचों में 12 और 7* रन बनाए। औसत प्रदर्शन करने के बावजूद, धोनी को पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के लिए टीम में चुना गया।
पांचवें वनडे में पाकिस्तान के खिलाफ विशाखापत्तनम में पहला शतक लगाया। ये शतक केवल 123 गेंदों पर 15 चौके और 5 छक्कों की बदौलत 148 रन की यादगार पारी खेली। धोनी का ये 148 रन किसी भी भारतीय विकेटकीपर द्वारा सर्वाधिक स्कोर का रिकॉर्ड बनाया। इस तरह धोनी युग की शुरुआत हुई। अब बरी थी धोनी को विश्व पटल पर छाने की। और वो दिन आया जब स्टेडियम के भीतर और बाहर सिर्फ एक नाम का चर्चा था, वो नाम था धोनी-धोनी।
साल था 2005, जगह था जयपुर का सवाई मानसिंह स्टेडियम और मैच था श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज का तीसरा मैच। इस मैच में तत्कालीन भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने धोनी को पदोन्नत कर 3 नंबर पर भेजा था। भारत श्रीलंका से मिले 299 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा कर रहा था। भारत सचिन तेंदुलकर का विकेट जल्दी खो दिया था, तब धोनी ने अपनी अविस्मरणीय तूफानी बल्लेबाजी से 145 गेंदों पर नाबाद 183 रन बनाकर टीम को जीत दिलाईI
इसके बाद धोनी ने बल्लेबाजी और स्टंप के पीछे लगातार बहुत ही अच्छा प्रदर्शन कियाI इसी प्रदर्शन के बदौलत 20 अप्रैल 2006 को धोनी ने आईसीसी वनडे रैंकिंग में रिकी पोंटिंग को पछाड़कर पहला स्थान प्राप्त कियाI इस तरह सिर्फ 42 पारियों में ऐसा करने वाले वे सबसे तेज बल्लेबाज बन गएI 2006 में उन्हें आईसीसी द्वारा विश्व वनडे एकादश में भी नामित किया गयाI
फिर साल 2007 में भारतीय टीम के साथ न मिटने वाला वो काला दाग भी जुड़ गयाI ICC Cricket World Cup 2007 में बांग्लादेश और श्रीलंका से हारने के बाद भारतीय टीम ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गईI दोनों ही मैचों में धोनी शून्य पर आउट हुए थेI ऐसे में क्रिकेट प्रशंसकों का गुस्सा फूट पड़ा और रांची में उनके निर्माणाधीन घर को झामुमो के राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने क्षतिग्रस्त कर दियाI इसके बाद स्थानीय पुलिस के द्वारा उनके परिवार को सुरक्षा प्रदान की गयीI
विश्व कप के बाद धोनी ने उसी बांग्लादेश के खिलाफ नाबाद 91 रन बनाए, जिससे हार कर भारत को ICC Cricket World Cup 2007 के ग्रुप स्टेज से बाहर जाना पड़ा थाI ये उनकी शानदार वापसी थीI दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में उन्हें पहली बार उप-कप्तानी दी गईI इसके बाद धोनी ने इंग्लैंड, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के खिलाफ छह अर्धशतक लगायेI जून 2007 में, धोनी को बीसीसीआई के द्वारा ग्रेड ‘ए’ अनुबंध दियाI 2007 में ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 7 मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में धोनी को पहली बार कप्तान बनाया गयाI यह भारतीय क्रिकेट टीम और MS Dhoni के लिए एक नई शुरुआत थीI
2009 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई श्रृंखला में, धोनी ने पहले वनडे में 107 गेंदों पर 124 रन बनाएI 30 सितंबर 2009 को वेस्टइंडीज के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी में धोनी ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट विकेट लियाI धोनी के शानदार प्रदर्शन के बदौलत 2009 में, उन्होंने ICC वनडे बल्लेबाज रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल कियाI
धोनी के नेतृत्व में भारतीय टीम ICC Cricket World Cup 2011 के फाइनल में पहुंचीI फाइनल में वही टीम थी जिससे हार कर भारत को ICC Cricket World Cup 2007 के ग्रुप स्टेज से बाहर होना पड़ा थाI वो टीम थी श्रीलंकाI फाइनल में धोनी ने गौतम गंभीर और युवराज सिंह के साथ 275 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को जीत दिलाईI
मैच को धोनी ने ऐतिहासिक छक्के के साथ नाबाद 91 के स्कोर पर खत्म किया और 28 सालों के बाद भारत को दूसरी बार विश्व कप की ट्रॉफी हाथ में उठाने का गौरव प्रदान कियाI 2011 क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में उनके इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच प्रदान किया गयाI 9 जुलाई 2019 को न्यूजीलैंड के खिलाफ ICC Cricket World Cup 2019 के सेमीफाइनल में उन्होंने अपनी आखिरी वनडे पारी खेली थीI उनके वनडे करियर का समापन रनआउट के साथ हुआ | इसके बाद धोनी ने वनडे करियर से संन्यास ले लियाI
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टेस्ट करियर(Test Carrier) –
श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में शानदार प्रदर्शन का ईनाम उन्हें टेस्ट टीम में शामिल करके दिया गयाI दिसंबर 2005 में, धोनी को दिनेश कार्तिक की जगह भारतीय टेस्ट टीम में विकेटकीपर के तौर पर चुना गयाI 2 दिसंबर 2005 को धोनी ने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और पहले मैच में 30 रन बनाए, जबकि दूसरे मैच में अपना पहला अर्धशतक बनायाI उनकी ये बल्लेबाजी काफी आक्रामक थीI उन्होंने सिर्फ 51 गेंदों में अर्धशतक बनाया थाI 2006 में फैसलाबाद में पाकिस्तान के खिलाफ दूसरे टेस्ट में धोनी ने अपना पहला शतक लगायाI इस तरह धोनी ने अपने शानदार प्रदर्शन के बदौलत लगातार भारत को जीत दिलाने की शुरुआत कीI
2009 में धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ दो शतक लगाये और तीन मैचों की सीरीज में 2-0 से जीत दिलाईI भारत ने इस सीरीज के तीसरे मैच में 726-9 (DC) रन बनाए, जो उस समय उनका सर्वोच्च टेस्ट स्कोर थाI धोनी ने 2014-15 सीजन में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत की कप्तानी कीI मेलबर्न में खेले गए तीसरे मैच के बाद धोनी ने टेस्ट से संन्यास ले लियाI
धोनी ने अपने अंतिम टेस्ट मैच में 9 शिकार किए, जिसमें आठ कैच और एक स्टंपिंग शामिल थे, और तीनों प्रारूपों में मिलाकर 134 स्टंपिंग का रिकॉर्ड बनाकर कुमार संगकारा को पीछे छोड़ दियाI अपनी आखिरी टेस्ट पारी में उन्होंने नाबाद 24 रन बनाए थेI
टी20 क्रिकेट(T20 Carrier) –
1 दिसंबर 2006 को, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ T20 में डेब्यू कियाI हालांकि, अपने पहले T20 मैच में वो शून्य पर आउट हो गएI लेकिन भारत की जीत में एक कैच और एक रनआउट कर अपना भी योगदान दियाI 2007 में एमएस धोनी को दक्षिण अफ्रीका में हुए पहले ICC T20 World Cup 2007 के लिए युवा भारतीय टीम का कप्तान बनाया गयाI 24 सितंबर 2007 को, ICC T20 World Cup 2007 Final में पाकिस्तान को कड़े और रोमांचक मुकाबले में हराया और क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में विश्व कप जीताने वाले कपिल देव के बाद दूसरे भारतीय कप्तान बनेI
धोनी की पत्नी(MS Dhoni Wife): साक्षी धोनी
महेंद्र सिंह धोनी की पत्नी(MS Dhoni Wife) का नाम साक्षी रावत है जो शादी के बाद साक्षी धोनी हो गया। धोनी और साक्षी का विवाह 4 जुलाई 2010 को हुआ था। साक्षी माही से उम्र में 7 साल छोटी हैं।
साक्षी का जन्म 19 नवंबर, 1988 को गुवाहाटी में हुआ था। साक्षी के पिता भी धोनी के पिता के साथ MECON कंपनी में काम करते थे। इसलिये बचपन में दोनों का एक-दूसरे के घर आना-जाना थाI जिसके कारण माही और साक्षी पहले से परिचित थे। साक्षी ने औरंगाबाद से होटल मैनेजमेंट की डिग्री ली है। साक्षी धोनी भारतीय क्रिकेट टीम के बड़े प्रशंसक हैं और धोनी का प्रेरणा स्रोत।
धोनी के बच्चे(MS Dhoni Daughter Name):
2010 में धोनी के शादी के करीब 5 साल बाद 6 फरवरी, 2015 में उनके घर किलकारी गूँजी। वो एक बेटी के पिता बने। बाद में इसका नाम जीवा धोनी(Jeeva Dhoni) रखा गया। जीवा का जन्म दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में हुआ था। धोनी ने कई बार मीडिया के सामने कही है कि उनकी बेटी जीवा उनके लिए सबसे बड़ा खजाना हैं और उन्हें उनके परिवार के साथ हर समय बिताने का सौभाग्य मिला है। बेटी जीवा अब करीब 8 साल की हो चुकी है और वो अक्सर अपने धोनी के साथ नजर आती है।
जीवा के जन्म के समय धोनी टीम इंडिया के कैप्टन थे और वर्ल्ड कप खेलने के लिये ऑस्ट्रेलिया गए हुए थे। क्रिकेट पर फोकस करने की वजह से फोन पास में नहीं रखते थे। ऐसे में बेटी के जन्म के बारे में पहले सुरेश रैना को बताया गया। बाद में रैना ने ये बात धोनी को बताई।
एम.एस. धोनी को पुरस्कार प्रदान किए गए
2006 में : एमटीवी यूथ आइकन ऑफ द ईयर।
2007-08 में : राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार।
2008-09 में : आईसीसी-वनडे प्लेयर ऑफ द ईयर।
2009 में : पद्म श्री।
2011 में : डी मोंटफोर्ट विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टरेट प्रदान किया गया।
2011 में : कैस्ट्रॉल इंडियन क्रिकेटर ऑफ द ईयर।
2013 में : एलजी पीपुल्स चॉइस अवार्ड।
2018 में : पद्म भूषण।
FAQ:
Q. एमएस धोनी की उम्र कितनी है?
A. 43 साल (2024)
Q. एमएस धोनी की पत्नी का नाम क्या है?
A. साक्षी धोनी
Q. एमएस धोनी की बेटी का नाम क्या है?
A. जीवा धोनी
Q. एमएस धोनी किस आईपीएल टीम के लिए खेलते हैं?
A. चेन्नई सुपर किंग्स
Q. एमएस धोनी ने कितनी बार आईपीएल का खिताब जीता है?
A. पांच बार (2010, 2014, 2018, 2021 और 2023)
Q. एमएस धोनी की कुल संपत्ति कितनी है?
A. एमएस धोनी की कुल संपत्ति लगभग 1040 करोड़ रुपये है.
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