सोनम वांगचुक का जीवन परिचय(Sonam Wangchuk Biography In Hindi), प्रारंभिक जीवन(Early Life), शिक्षा (Education), करियर(Carrier), सोनम वांगचुक आविष्कार (Sonam Wangchuk Inventions)
सोनम वांगचुक का जीवन परिचय (Sonam Wangchuk Biography In Hindi)
कौन है सोनम वांगचुक(Who Is Sonam Wangchuk)?
सोनम वांगचुक एक भारतीय इंजीनियर, इनोवेटर और शिक्षा सुधारवादी हैं। वह स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) के संस्थापक-निदेशक हैं। वांगचुक ने साल 1994 में सरकारी स्कूल प्रणाली में सुधार लाने के लिए सरकार और ग्रामीणों के सहयोग से ऑपरेशन ‘न्यू होप’ के शुभारंभ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने आइस स्तूप(The Ice Stupas) तकनीक का भी आविष्कार किया जो कृत्रिम ग्लेशियर बनाती है। ये शंकु के आकार में बर्फ का ढेर होता है जो सर्दियों के पानी को इकट्ठा करने के लिए होता है।
राजकुमार हिरानी द्वारा निर्देशित आमिर खान की फिल्म 3 ईडियट्स(3 Idiots) में आमिर खान ने फुनसुख वांगडू (Phunsukh Wangdu) का किरदार निभाया था। यह फिल्म सोनम वांगचुक की वास्तविक जिंदगी पर आधारित थी। सोनम वांगचुक नए-नए तकनीक का आविष्कार करते रहते हैं। आज की इस आर्टिकल में हम सोनम वांगचुक की पूरी जीवनी(Sonam Wangchuk Biography In Hindi) के बारे में जानेंगे।
प्रारंभिक जीवन(Early Life)
सोनम वांगचुक का जन्म 1 सितंबर 1966 को तत्कालीन राज्य जम्मू और काश्मीर (वर्त्तमान में लद्दाख राज्य) के लेह जिले के अलची के पास हुआ था। सोनम वांगचुक के पिता का नाम सोनम वांगयाल और उनकी माता का नाम त्त्सेरिंग वांगमो था।
सोनम वांगचुक का शिक्षा (Education)
सोनम वांगचुक का दाखिला स्कूल में 9 साल की उम्र तक भी नहीं हो पाया था, क्योंकि उनके गांव में कोई स्कूल नहीं था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनके मां के द्वारा 9 साल की उम्र तक अपनी मातृभाषा में दी गयी। 9 साल की उम्र के बाद उन्हें श्रीनगर ले जाया गया और श्रीनगर के एक स्कूल में उनका दाखिला करवाया गया। स्कूल में जो भी पढ़ाया जाता था वो वांगचुक को समझ में नहीं आता था जिस कारण स्कूल के क्लासमेट उन्हें मूर्ख कहकर चिढ़ाते थे। वांगचुक इन सबसे परेशान होकर 1977 में वह अकेले भाग कर दिल्ली चले गए, जहां उन्होंने विशेष केंद्रीय विद्यालय स्कूल के प्रिंसिपल के सामने अपना मामला रखा।
1987 में राष्ट्रीय प्रतियोगिकी संस्थान श्रीनगर (तब REC श्रीनगर) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में वांगचुक ने B. Tech. किया। इंजीनियरिंग की पढाई करने के कारण उनका पिता से मतभेद हो गया, जिस कारण उन्हें पढाई का पूरा खर्च खुद उठाना पडा। वांगचुक 2011 में फ्रांस के ग्रैनेबल में क्रेटर स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर में उच्च अध्ययन के लिए भी गए।
सोनम वांगचुक करियर(Carrier)
1988 में B. Tech. की पढ़ाई पूरी करने के बाद वांगचुक अपने भाई और पांच साथियों के साथ मिलकर स्टूडेंट एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ़ लदाख (SECMOL) की शुरूआत किया। SECMOL ने सरकारी शिक्षा विभाग और गांव की लोगों के सहयोग से ऑपरेशन न्यू होप शुरू किया।
वांगचुक ने लैंडेग्स मेलॉग जो कि लद्दाख की एकमात्र प्रिंटिंग पत्रिका है इसकी स्थापना की। 1993 से 2005 तक वांगचुक इसके संपादक के रूप में काम किये। कई सरकारी एजेंसीयों में सलाहकार के रूप में अपने ज्ञान और अनुभव का इस्तेमाल किया। उन्हें विजन डॉक्यूमेंट लद्दाख 2025 में शिक्षा और पर्यटन नीति तैयार करने का काम सौंपा गया है।
सोनम वांगचुक आविष्कार (Sonam Wangchuk Inventions)
वांगचुक लद्दाख, सिक्किम और नेपाल जैसे पर्वतीय क्षेत्रों में निष्क्रिय सुर मिट्टी के इमारत के डिजाइन और निर्माण की देखरेख में मदद कर रहे हैं ताकि ऊर्जा की बचत बड़े पैमाने पर किया जा सके। उनके द्वारा सौर ऊर्जा से बनाया गया स्कूल, पर्वतीय इलाकों में सर्दी के दिनों में -30 डिग्री सेल्सियस में भी अंदर से बिल्कुल गर्म रहता है।
बर्फ का स्तूप (The Ice Stupas)
जनवरी 2014 में सोनम वांगचुक ने आइस स्तूप नामक एक परियोजना को शुरू किया। इस परियोजना का उद्देश्य अप्रैल और मई के महीने में प्राकृतिक हिमनदी से पिघलने वाले पानी के प्रवाह को रोककर लद्दाख के किसानों के लिये जल संकट का समाधान खोजना था।
उन्हें सिक्किम सरकार सिक्किम की एक खतरनाक झील के लिए साइफन तकनीक लागू करने के लिए आमंत्रित था। सितंबर 2016 में उन्होंने उत्तर पश्चिम सिक्किम के दक्षिण ल्होनक झील के अभियान का नेतृत्व किया था।
स्विट्जरलैंड की एंगे डायन घाटी की एक नगरपालिका पोंट्रेसिना के अध्यक्ष ने अपने शीतकालीन पर्यटक आकर्षणों को बढ़ाने के लिए बर्फ के स्तूप बनाने के लिए बुलाया था। अक्टूबर 2016 में वांगचुक ने स्विस भागीदारों के साथ मिलकर यूरोप का पहला आइस स्तूप बनाना शुरू किया।
सोनम वांगचुक राजनीति करियर
2013 में के छात्र समूहों के बार-बार अनुरोध करने पर वंगचुक ने स्थाई शिक्षा, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए काम करने के उद्देश्य से न्यू लद्दाख मूवमेंट (NLM) और ग्रीन पार्टी के लद्दाख संस्करण को स्थापित किया। इनका एक उद्देश्य, विकास के लिए सभी स्थानीय राजनीतिक नेताओं को एक बैनर के तले एकजुट करना था।
चीनी उत्पादों का बहिष्कार
जून 2020 में भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में झड़प के बाद सोनम वांगचुक ने भारतीय वॉलेट पावर का उपयोग करने और चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की थी। उनके इस मांग को देश के कई मशहूर हस्तियों का भी समर्थन प्राप्त हुआ था।
सोनम वांगचुक का आमरण अनशन(Sonam Wangchuk Fasting)
मार्च 2024 में वांगचुक ने केंद्र शासित प्रदेश के संवैधानिक सुरक्षा उपायों और खनन लॉबी से लद्दाख की सुरक्षा की मांग के लिए आमरण अनशन शुरू किया था। उन्होंने लद्दाख को राज्य का दर्जा देने के लिए भूख हड़ताल की थी।
सोनम वांगचुक को प्राप्त पुरस्कार
वर्ष | पुरस्कार नाम |
1996 | जम्मू और कश्मीर में शैक्षिक सुधार के लिए राज्यपाल पदक |
2001 | द वीक द्वारा मैन ऑफ द ईयर |
2002 | सामाजिक उद्यमिता के लिए अशोक फैलोशिप, अशोका यूएसए द्वारा |
2004 | सैंक्चुअरी एशिया द्वारा ग्रीन टीचर अवार्ड |
2008 | सीएनएन-आईबीएन टीवी द्वारा रियल हीरोज अवार्ड |
2014 | यूनेस्को चेयर अर्थेन आर्किटेक्चर, क्रेटर्रे फ़्रांस द्वारा |
2016 | सर्वोत्तम पृथ्वी निर्माण के लिए अंतर्राष्ट्रीय टेरा पुरस्कार |
2016 | उद्दम के लिए रोलेक्स पुरस्कार |
2017 | जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा उत्कृष्ट पर्यावरणविद् के लिए राज्य पुरस्कार |
2017 | सतत वस्तुकला के लिए वैश्विक पुरस्कार |
2017 | जीक्यू मेन ऑफ द ईयर अवार्ड्स, सोशल एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर |
2017 | इंडियंस फॉर कलेक्टिव एक्शन (आईसीए) सम्मान पुरस्कार, सैन फ्रांसिस्को, सीए |
2018 | आईआईटी मंडी द्वारा हिमालय क्षेत्र के प्रख्यात प्रौद्योगिकीविद् |
2018 | सिम्बायोसिस इंटरनेशनल द्वारा मानद डी.लिट |
2018 | रेमन मैक्सेसे पुरस्कार |
FAQ :
Q सोनम वांगचुक कौन है(Who Is Sonam Wangchuk)?
A लद्दाख में जन्में सोनम वांगचुक(Sonam Wangchuk) एक भारतीय इंजीनियर, इनोवेटर और शिक्षा सुधारक हैं।
Q सोनम वांगचुक की पत्नी का क्या नाम है?
A सोनम वांगचुक की पत्नी का नाम पद्मा अंगमो है।
Q सोनम वांगचुक ने उपवास क्यों किया?
A सोनम वांगचुक ने संवैधानिक सुरक्षा उपायों और खनन लॉबी से लद्दाख की सुरक्षा की मांग के लिए मार्च 2024 में आमरण भूख हड़ताल किया।