Sushil Kumar Modi (सुशील कुमार मोदी): आयु(Age), जीवनी(Biography), शिक्षा(Education), पत्नी(Wife), जाति(Caste), संपत्ति(Net Worth), भाषण(Speech)
भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ और बिहार के तीसरे उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का जन्म 5 जनवरी 1952 एवं मृत्यु 13 मई 2024 हो गयाI वे बिहार के वित्त मंत्री भी रहे। मृत्यु के समय वे भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्यसभा सांसद थे।
Family
बीते कई महीने से सुशील मोदी कैंसर से जूझ रहे थे। दिल्ली एम्स में उन्होंने 13 मई रात 9:29 बजे अंतिम सांस ली। उन्हें यूरिनरी ब्लैडर कैंसर था। आज मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जा रहा है। उनका अंतिम संस्कार पटना में ही किया जाएगा। 9 अप्रैल 2024 को सुशील मोदी को इलाज के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। सुशील मोदी के परिवार में उनकी पत्नी(Wife) जेसी मोदी(Jessie George), दो बेटे उत्कर्ष तथागत(Utkarsh Tathagat) और अक्षय अमृतांशु(Akshay Amritanshu) हैं। सुशील मोदी के निधन(Death) पर पीएम नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, सीएम नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव समेत कई दिग्गज नेताओं ने श्रद्धांजलि दी।
प्रारंभिक जीवन(Early Life)
सुशील कुमार मोदी का जन्म 5 जनवरी 1952 को पटना में हुआ था। इनके पिता का नाम मोती लाल मोदी तथा माता का नाम रत्ना देवी था। इनका स्कूली शिक्षा पटना के सेंट माइकल स्कूल से हुई थी। इसके बाद इन्होने बी.एस.सी. की डिग्री बी.एन. कॉलेज, पटना यूनिवर्सिटी, पटना से प्राप्त की। बाद में इन्होने एम.एस.सी. में दाखिला लिया, परन्तु जय प्रकाश नारायण द्वारा चलाये गए आंदोलन में कूदने के कारण पढाई को बीच में ही छोड़ना पड़ा।
राजनीतिक कैरियर
साल 1990 में, सुशील कुमार मोदी सक्रिय राजनीति में शामिल हुये और सफलतापूर्वक पटना मध्य विधानसभा (जो अब कुम्हरार विधान सभा के रूप में जाना जाता है) से चुनाव लड़ा और विजय प्राप्त की। उन्हें बिहार विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक बनाया गया। साल 1996 से 2004 तक राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। उन्होंने पटना हाईकोर्ट में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की, जिसे चारा घोटाले के रूप में जाना जाता है। साल 2000 में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। बहुमत साबित नहीं होने के कारण उन्हें सिर्फ सात दिनों में त्यागपत्र देना पड़ा। इस अल्पकालिक नीतीश कुमार के सरकार में पहली बार मंत्री बने और विभाग मिला संसदीय कार्य मंत्री का। उन्होंने झारखंड राज्य के गठन का भी समर्थन किया था।
2004 में वे भागलपुर लोकसभा छेत्र से चुनाव लड़ा और विजय प्राप्त की।
सन 2005 के बिहार विधान सभा के चुनाव में, एनडीए पुनः सत्ता में आयी और सुशील कुमार मोदी को बिहार बीजेपी विधानमंडल पार्टी का नेता चुना गया। बाद में उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया और बिहार के उपमुख्य मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया। कई अन्य विभागों के साथ उन्हें वित्त विभाग भी दिया गया। 2010 में बिहार विधान सभा के चुनाव में एनडीए की अपार जीत के बाद, वह पुनः बिहार के उप मुख्यमंत्री बने रहे।
2017 में, बिहार में जेडीयू-आरजेडी महागठबंधन के पतन के पीछे मुख्य रूप से सुशील मोदी ही थे, उन्होंने बेनामी संपत्तियों और अनियमित वित्तीय लेनदेन के आरोप में चार महीने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ लगातार निंदा की।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ
1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान मोदी खासे सक्रिय थे और स्कूल के छात्रों को शारीरिक फिटनेस व परेड आदि का प्रशिक्षण देने के लिये सिविल डिफेंस के कमांडेंट नियुक्त किये गये थे। उसी साल नौजवान सुशील ने आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े। 1968 में उन्होंने आरएसएस का उच्चतम प्रशिक्षण, अधिकारी प्रशिक्षण कोर्स को ज्वाइन किया जो तीन साल का होता है। मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने आरएसएस के विस्तारक (पूर्ण कालिक वर्कर) की भूमिका में दानापुर व खगौल में काम किया और कई स्थानों पर आरएसएस की शाखाएं शुरू करवायीं। बाद में उन्हें पटना शहर के संध्या शाखा का इंचार्ज भी बनाया गया। मोदी के परिवार का रेडीमेड वस्त्रों का कारोबार था और घर वाले चाहते थे कि वे कारोबार को संभालें, लेकिन उन्होंने परिवार के इस इच्छा के विपरीत जाकर सेवा का रास्ता चुना।
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